ये हैं हमारे देश के जाने माने चित्रकार श्री नेक चंद सैनी जी जिन्होंने बिना किसी की मदद से अपने आप अपनी कला को निखारा और आज चंडीगड़ का एक कोना इन्ही के नाम से जाना जाता है ! इनकी खुबसुरत कला ने इन्हें पदम श्री दिलवाने का भी हक अदा किया ! रॉक गार्डन { Rock Garden } ये उस जगह का नाम है ! जहां पर इनकी खुबसूरत कलाकृतियाँ हैं जिसकी वजह से चंडीगड़ को इतनी उपलब्धि मिली औरआज इन्ही की वजह से उसकी पहचान बड़ी है ! यहाँ बहुत सोची समझी और पर्यावरण को ध्यान मै रख कर बनाई गई कला कृतियाँ हैं क्युकी यहाँ पर जो भी चित्रकारी की गई है वो सब बेकार चीजों के इस्तेमाल से की गई है ! एक बार सरकारी आदेश के तेहत इसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया था पर कुछ लोगो की रज़ा मंदी से इसे पुन: बनाया गया ! उसके बाद एक बार फिर से इसने अपना नया रूप दोबारा हासिल किया ! कहते हैं कुछ लोग जो इनकी प्रसिद्धि सहन न कर पाए उनकी वजह से ये तोडा गया था ! आज के दिन यहीं पर सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं और इसकी खूबसूरती को निहारते हैं !
नेक चंद जी को उनकी खुबसूरत कला के लिए विदेशों मै भी खूब सराहना मिली ! उन्हें विदेश मै भी मिनी राक गार्डन बनाने के लिए भी बुलाया गया उन्होंने ख़ुशी - ख़ुशी इस काम को अंजाम दिया और इस तरह कई देशो मै अपने देश भारत की छाप छोड़ी और अपने आप को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साबित किया ! उनकी रचनाएँ चीनी मिट्टी की चीज़े , चूड़ियाँ , मिट्टी के बर्तन , टूटी सेनेटरी की चीजों अदि से बनाई गई हैं ! इन सब चीजों को ये खुद अपनी साईकिल मै जाकर इकठ्ठा करते थे और झाड़ियों मै घुस - घुस कर इन सब चीजों को इकठ्ठा करते थे और अपने नोकरी पूरी करने के बाद शाम को घर जाकर इन्हें बनाते थे ! कुछ लोग तो समझने लगे थे की इन्होने अपना विवेक खो दिया है पर इनकी लगन इतनी थी की इनके पास इन विषयों पर सोचने का समय ही कहाँ था ! उनके अन्दर अपने काम की इतनी लग्न थी की वो एक मजदुर की तरह भी काम करते रहें ! उनके कुछ अधिकारी मित्रों ने उन्हें प्रोत्साहित किया की ये काम एक शांति सन्देश के रूप मै अपनी जगह बना सकता है और उन लोगों ने इनका उत्साह बनाया और साथ भी दिया !
नेक चंद जो हमे प्रेरित करते ही जिन्दगी एक उत्साह का नाम है इस पर भरोसा करो ! जिंदगी मै जो भी करो पूरी निष्ठां से करो उसका अंजाम क्या होगा वो खुद सामने आ जायेगा बस तुम अपना रास्ता तय करो और आगे बड़ते चलो फिर राह कितनी भी कठिन क्यु न हो मंजिल मिल ही जाएगी ! क्युकी उन्होंने जब ये काम किया शुरू किया था तो कभी नहीं सोचा था की उन्हें पद्म श्री से सम्मनित किया जायेगा उन्होंने तो निस्वार्थ भाव से बस अपना काम किया और उसका अंजाम उनके सामने था तो इससे यही साबित होता है की अगर आपने कुछ करने की ठान ही ली है तो अपना 100 % मेहनत लगा दो बाक़ी भाग्य खुद फ़ेसला करेगा !
नेकचंद जी की चित्रकारी वास्तव में मनमोहक है।
नेकचंद जी के प्रेरणा दायक कार्यों से वाकई बहुत कुछ सीखा जा सकता है. जिन चीजों को बेकार समझा गया , उन्हें लेकर उन्होंने चमत्कार कर दिखाया . उनके बारे में प्रेरक विचारों के साथ इस अच्छे आलेख के लिए आपका बहुत-बहुत आभार. वसंत-पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं .
नेकचन्द सैनी जी से बहुत बढ़िया परिचय करवाया आपने!
इनकी कला को प्रणाम करता हूँ!
बसन्तपञ्चमी की शुभकामनाएँ!
swarovski uk
nike free 5.0
the north face outlet store
new orleans saints jerseys
golden state warriors jerseys
coach outlet
philadelphia eagles jerseys
cheap nike shoes
michael kors outlet
moncler coats
washington redskins jerseys
los angeles clippers jerseys
los angeles lakers jerseys
chanel handbags
tory burch outlet
barcelona jersey
chicago bears jerseys
atlanta falcons jersey
air max 2015
nike free
the north face jackets
new england patriots jerseys
tommy hilfiger outlet
cheap football shirts
christian louboutin uk
hermes birkin
nike running shoes
koby bryant shoes
air jordan shoes
true religion jeans
real madrid jersey
evening dresses
canada goose outlet
beats headphones
cheap wedding dresses
cheap soccer jerseys
juicy couture outlet
michael kors uk
miami heat jersey
ysl outlet
wei20150612