‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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युवा क्रिकेट टीम कि अनुभवी जीत

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भारत ऑस्ट्रेलिया विशाखापट्टनम वनडे क्रिकेट मैच कई मायनो में बहुत ही यादगार और मनोरंजन से भरपूर रहा.. पहले ऑस्ट्रेलिया को हराना अस्चार्यजनक मन जाता था पर अब ये सामान्य बात हो गयी इसलिए मैच के हमारे जीतने पर किसीको कोई आस्चर्य तो नहीं हुवा होगा... मैच कि गौर करने वाली बात ये है कि मैच हमारे युवावो ने जीता है.. आशीष नेहरा काफी समय से बहार थे कि क्रिकेट में वापसी से काफी खुसी हुई. विराट कोहली का सटीक प्रदर्शन, युवराज की फ़ार्म में वापसी, नए चेहरे शिखर धवन के लिए दिन अच्छा नहीं था और सौरभ तिवारी को समय नहीं मिला उन्हें अभी और दिया जाना दिया जाना उचित होगा ताकि विश्व कप के लिए उनकी तैयारी का जायजा लिया जा सके.. कल कि जीत कुल मिलकर टीम प्रयास का नतीजा रहा.. और युवा टीम का इस तरह का प्रयास बहुत ही सराहनीय है..
मैच में ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए 290 रन के लक्ष्य को टीम ने एक चम्पियान कि तरह पा लिया। उक्त मैच में युवराज सिंह और विराट कोहली ने वही भूमिका निभाई जो सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ निभाया करते है.. उन्होंने अपनी सूज्बूझ भारी क्रिकेट से टीम को जीत के मुहाने पर ला दिया.. अब जरुरत थी फिनिश कि.. क्योंकि मैच आखरी में रन रेट का दबाव और विकेट पतन से हडबडाहट के कारन हम ज्यादातर मैच में हमने हार का मुह देखा है.. कुछ समय से बिना टेंसन के फिनिश करने का दारोमदार माही ने निभाया है पर उक्त मैच में फेल हो जाने पर सुरेश रैना ने संकट मोचन का किरदार निभाया... जिस वक़्त सुरेश रैना मैदान पर आये ऐसी परिस्थिति में हमेशा ही हमारे टीम के पैर लडखडा जाते है और जीत के मुहाने पर पहुच कर भी टीम भरभराकर गिर जाती है.. पर सुरेश रैना जैसे ही मैदान पर आये लगा ही नहीं कि वो मैदान पर अभी अभी उतरे है .. वो तो आये और 3rd गेअर लगा लिया और एक ही ओवर में 4th  गिअर पर आ गए और तब तक अपना गेअर नहीं बदला जब तक कि टीम इंडिया जीत नहीं गयी.. उनके प्रदर्सन से टेस्ट में VVS लक्ष्मण कि भूमिका कि याद आ गयी जब लक्ष्मण मैदान पर आते है तो अग्रिम बल्लेबाजो का प्रदर्सन चाहे जो भी हो टीम के लिए जीत के रास्ते खोल देते है.. उनके व्यक्तित्व का  दबाव सामने वाली टीम पर होता है.. मैच के बाद सुरेश रैना को वो तारीफ नहीं मिली जिसके वो हकदार थे पर उनकी भूमिका टीम बहुत अछि तरह जानती है.. सुरेश रैना पिछले एक वर्ष से यही प्रदर्शन दोहरा रहे है .. वनडे क्रिकेट के VVS लक्षमण का स्वागत है..
 
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