‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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बस अमर रहे "अटल" हमारे..

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आप मेरे आदर्श
आप मेरी प्रेरणा
आप मेरी शक्ति
विश्वास का प्रतीक तुम हो..

इस कीचड़ भरे
ताल राजनीति के
एक सुंदर खिला
कमल तुम हो...

कैसे भूले ये भारत
वीरों कि भूमि तुम्हें?
अन्तिम राजा, अन्तिम सेवक
राम के अन्तिम
वीर भरत तुम हो.

हो गया गर अस्त
सूर्य धरा पर
जाने किस सदी में,
आर्यावर्त का, भाग्य जगेगा.
विश्व गुरु इस
पवित्र धरा के
के अन्तिम उजले
सूरज तुम हो .

यही विनय है, ब्रम्ह धरा के
हे ईश्वर कृपा कर देना
हर लेना निज़ प्राण हमारे
बस इतना ही वर देना दयावर
चाहे जीवन रहे न धरा पर
बस अमर रहे "अटल" हमारे..


जन्म दिवस की बहुत बहुए बधाइया मेरे आदर्श अटल जी को..



 
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