‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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।। प्रार्थना ।।

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मैंने भगवान से मांगी शक्ति,
उसने मुझे दी कठिनाईयां,
हिम्मत बढ़ाने के लिए।
*
मैंने भगवान से मांगी बुद्धि,
उसने मुझे दी उलझनें,
सुलझाने के लिए।
*
मैंने भगवान से मांगी समृद्धि,
उसने मुझे दी समझ,
काम करने के लिए।
*
मैंने भगवान से मांगा प्यार,
उसने मुझे दी परेशानियॉ,
उबर पाने के लिए।
*
मैंने भगवान से मांगा वरदान,
उसने मुझे दिए अवसर,
उन्हें पाने के लिए।
*
वो मुझे नहीं मिला जो मैंने मांगा था।
मुझे वो मिल गया जो मुझे चाहिए था।।

।। जय श्री राम।।

संकलन

 
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