‘‘सच्चाई-निर्भिकता, प्रेम-विनम्रता, विरोध-दबंगता, खुशी-दिल
से और विचार-स्वतंत्र अभिव्यक्त होने पर ही प्रभावी होते है’’
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जिंदगी जीना भी एक कला

4 comments

इक दिन जिंदगी से................ मैने
शिकायत जो ये की ........
तो उसने भी हंसके हमसे ये कह दिया ?

कोंन कहता है जिंदगी हंसी नहीं होती
एक बार आजमा के तो देखो तुम
हो न जाये हमसे मोहबत  तो कहना
एक बार हमारी गली आके तो देखो तुम
लोग कहते हैं मोहबत बेवफा होती
शायद उनमे भी कोई कमी होती होगी
जरा इजहारे वफ़ा का अंदाज़ तो सीखो
इकरारे वफ़ा चल के न आये तो हमसे कहना तुम
हाँ ........... वो हर पल इम्तहान लेती है
उसका बस जवाब बन जाओ तुम
अपने को उसकी आदत जो बना दोगे
जिंदगी हंसी न बन जाये तो मुझसे कहना तुम
उससे ......गरचे फिर दूर भी तुम जाओगे
उसे [ जिंदगी ] तुम अपने  उतने ही करीब पाओगे
जिंदगी के जीने का तो इतना सा फसना है
फिर इससे दूर कहाँ तक जाओगे तुम ?

4 Responses so far.

  1. Sagar says:

    वो हर पल इम्तहान लेती है
    par reasult kabhi nahi deti...

  2. बहुत सुन्दर विचार्।

  3. शुक्रिया दोस्त !

  4. सच है बस जीने की कला आनी चाहिए ... ये जीवन तो हसीं ख्वाब है ... बस टूटना नहीं चाहिए ..

 
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